फरीदाबाद: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश से कालाधन ख़त्म करने के लिए नोटबंदी जैसा कठोर कानून लागू किया जिसमें जनता को परेशानी हुई उसके बाद भी मोदी के कदम का समर्थन किया गया.
इसके बाद टैक्स चोरों को टैक्स के दायरे में लाने के लिए GST कानून लाया गया जिसमें टैक्स चोर कंपनियों और अन्य लोगों को GST नंबर लेकर अपने कामकाज का हिसाब देने को कहा गया. दोनों कानून मोदी सरकार के सबसे बड़े आर्थिक सुधार कानून हैं और इसका देश को फायदा भी मिल रहा है.
लेकिन फरीदाबाद के भ्रष्टाचारी नेता और भ्रष्ट अधिकारी प्रधानमंत्री मोदी की मेहनत पर पानी फेर रहे हैं. फरीदाबाद में ईको-ग्रीन के नाम से फर्जी पर्चियां छपवाकर जनता से अवैध वसूली की जा रही है, इस वसूली का सरकार को कोई हिसाब किताब नहीं दिया जा रहा है क्योंकि इन पर्चियों पर कोई GST नंबर लिखा ही नहीं है.
कहने का मतलब है कि ईको-ग्रीन कंपनी के नाम से फरीदाबाद में कालाधन कमाने का धंधा शुरू किया गया है. कूड़ा उठाने के नाम पर जनता को ईको-ग्रीन की पर्ची थमा दी जाती है, हर महीना लाखों परिवारों से करोड़ों रूपये का कलेक्शन हो रहा है लेकिन इस पैसे का सरकार को कोई हिसाब किताब नहीं दिया जा रहा है, सरकार को टैक्स भी नहीं दिया जा रहा है जिसका नुकसान जनता को ही होगा.
ऊपर पर्ची में साफ़ साफ देखा जा सकता है कि इसपर कोई PAN Card, या GST नंबर नहीं दिया गया है जबकि ईको-ग्रीन एक अंतर्राष्ट्रीय कंपनी है जिसके पास GST है. इस पर्ची पर ईको ग्रीन एवं MCF के लोगो हैं, इसी प्रकार की पर्ची के जरिये पूरे शहर में अवैध वसूली की जा रही है. शहर में कालेधन को बढ़ावा दिया जा रहा है, कुछ भ्रष्टाचारी मिलकर सोची समझी प्लानिंग के तहत यह वसूली कर रहे हैं लेकिन इसके खिलाफ कोई एक्शन नहीं हो रहा है.
हैरानी की बात ये है कि इस अवैध वसूली के बारे में पूरे शहर को पता है, जनता भी बिल पर GST नंबर ढूंढती है, जनता भी जानती है बिना GST नंबर वाली पर्चियों से वसूली गए पैसे कालेधन वालों के पास जाएंगे लेकिन जनता भी लुटने को मजबूर है. ईको-ग्रीन के कर्मचारी जनता के साथ लड़ने झगड़ने को तैयार हो जाते हैं इसलिए जनता को मजबूरी वश पैसे दे देती है.
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