फरीदाबाद, 27 दिसंबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज धर्मरक्षा के लिए मुगलों से लड़कर शहीद हुए गुरुगोबिंद सिंह जी के 4 साहिबजादों और उनकी माँ माता गुजरी को नमन किया।
मोदी ने कहा कि हम इनकी कुर्बानी के कर्जदार हैं क्योंकि इन्होने धर्म और देशरक्षा के लिए अपनी कुर्बानी दी, मौत देखकर भी इन्होने अपनी आस्था को नहीं बदला। देश इनकी कुर्बानी को कभी नहीं भूलेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि गुरु तेगबहादुर जिन्हें इस्लाम ना कबूलने पर मुग़ल शासक औरंगजेब ने सर कलम करवा दिया था, उनकी कुर्बानी को भी देश नहीं भूलेगा।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गुरुगोबिंद सिंह के दो साहिबजादों जुझर सिंह और अजीत सिंह ने मुगलों से लड़कर और उनके छक्के छुड़ाकर अपनी शहादत दी थी, उस वक्त उनकी उम्र सिर्फ 14 - 15 साल के आस पास थी लेकिन दोनों ने योद्धाओं की तरह मुगलों से युद्ध लड़ा और उनकी छक्के छुड़ा दिए. दोनों की शहादत 22-23 दिसंबर के आस पास हुई थी.
मुगलों की क्रूरता इतने पर ही कम नहीं हुई, इसके बाद उन्होंने गुरुगोबिंद सिंह जी के दोनों छोटे बेटों जोरावर सिंह और फ़तेह सिंह जिनकी उम्र 9 साल और 5 साल थी. मुगलों ने उसने कहा - अगर तुम इस्लाम कबूल लोगे तो हम तुम्हें जाने देंगे, बच्चों ने इस्लाम कबूलने से इंकार कर दिया और मौत का रास्ता चुना। इसके बाद मुगलों ने उन्हें जिन्दा दीवार में चुनवा दिया। यह घटना 27 दिसंबर को हुई थी, इसी दिन गुरु गोबिंद सिंह जी की माँ गुजरी जिन्हें माता गुजरी कहा जाता था, उन्होंने भी धर्मरक्षा के लिए अपनी शहादत दे दी.
गुरु गोबिंद सिंह जी इतने महान थे कि जब उन्हें अपने चारों बेटों की शहादत का समाचार मिला तो उन्होंने अपना दुःख अपने सीने में ही दफ़न कर लिया, जब उनकी पत्नी ने उनसे अपने बेटों के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा - चार मुए तो क्या भया, जीवत कई हजार। मतलब तुम्हारे 4 बेटे मर गए तो क्या हुआ, कई हजार बेटे और जिन्दा हैं. सच में ऐसे महान इंसान और उनके वीर शहीद बेटों और वीर माँ की कुर्बानी यह देश कभी नहीं भूल सकता।
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