फरीदाबाद, 9 अक्टूबर: आपको बता दें की थाना NIT की पुलिस टीम को सूचना मिली थी कि गाँधी कॉलोनी में एक 10-12 साल की एक लड़की अकेली घूम रही है। थाना NIT की पुलिस टीम तुरंत प्रभाव से पीसीआर लेकर बताए गए स्थान पर पहुंची और साथ में ही चाइल्ड वेलफेयर समिति को सूचित किया गया।
पुलिस टीम ने पाया कि नाबालिक लड़की दयनीय हालत में रोड पर घूम रही थी।
पुलिस टीम में शामिल महिला सिपाही ने लड़की को सद्भावपूर्वक उसके पास जाकर उसे पानी पिलाया और उससे उसका नाम पूछने पर उसने बताया कि उसका नाम प्रिया (बदला हुआ नाम) है। पुलिस टीम ने उससे इस प्रकार अकेले घुमने का कारण पुछने पर उसने बताया कि वह अपने माता-पिता से नाराज होकर घर से चली आई है परन्तु उसने अपने माता-पिता से नाराजगी का कोई ठोस कारण नहीं बताया।
जब लड़की से उसके माता-पिता व उसके घर का पता पूछा गया तो उसने नही बताया ।
लड़की को एसीपी क्राईम अगेंस्ट विमेन श्रीमती धारणा यादव के सम्मुख पेश किया गया तो उन्होंने लड़की को अपने पास बैठाया और उससे उसके माता-पिता के बारे में पूछताछ की परन्तु लड़की ने शुरू में जानकारी नहीं दी फिर बहुत समझाने के पश्चात् लड़की ने अपने माता-पिता का नाम व पता बताया।
इसके पश्चात् लड़की के माता-पिता को सूचित किया गया और उन्हें लड़की के पास बुलाया गया।
लड़की ने कहा कि उसके माता पिता उसके साथ मारपीट करते हैं और वह उनके साथ नहीं जाना चाहती, उसे किसी अनाथ आश्रम में छोड़ दिया जाए।
माता-पिता से पुछा गया कि उसकी नाराजगी का क्या कारण है तो उन्होंने कहा कि ऐसी कोई भी बात नहीं है और हम अपनी बेटी से बहुत प्यार करते हैं कभी कभार शरारत करने पर डांट देते हैं। फिर जब लड़की की छोटी बहन से पूछा गया तो उसने भी यही बताया कि उनके माता पिता उनके साथ कोई मारपीट नहीं करते, किसी बात पर डांट दिया था इसलिए नाराज होकर कहीं चली गई थी।
श्रीमती धारणा यादव ने लड़की से कहा कि उसके परिवार का कोई सदस्य उसे नहीं डॉटेगा, बच्ची को प्यार से रखा जाए अगर दोबारा इस तरह की शिकायत आएगी तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी। बच्ची को प्यार से समझाकर उसके माता पिता के साथ उसके घर भेज दिया।
पुलिस टीम द्वारा किए गए इस प्रकार के उत्कृष्ट कार्य को देखकर पुलिस आयुक्त श्री ओ पी सिंह अत्यंत प्रसन्न हुए और उन्होंने पुलिस कर्मचारियों को सम्मानित करने के लिए प्रशंसा पत्र देने की घोषणा की तथा इसी प्रकार अपने ड्यूटी को ईमानदारी से निभाते रहने के लिए प्रोत्साहित भी किया।
एसीपी धारणा यादव ने कहा कि पुलिस प्रशासन का सभी नागरिकों से अनुरोध है की वह अपने बच्चों का ध्यान रखें, बच्चों को छोटी-छोटी बातों पर ना डांटे, बल्कि अगर बच्चे गलती करते हैं तो उनको उनकी गलती का एहसास कराया जाए, ताकि भविष्य में गलती ना करें। बच्चों को ज्यादा फोन इस्तेमाल नहीं करने दिया जाए इससे बच्चे गुस्सैल और चिड़चिड़ा स्वभाव के हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मां-बाप जब बच्चों को डांटते हैं तो बच्चे जल्दी ही हताश हो जाते हैं और उन्हें ऐसा लगता है कि अब इस दुनिया में उनका कोई भी नहीं है क्योंकि बच्चे सबसे ज्यादा माता-पिता के ही करीब होते हैं।
बच्चों के साथ फ्रेंडली रहे ताकि बच्चे माता पिता के आगे अपनी बातों को शेयर कर सके। प्रत्येक बच्चों का स्वभाव भिन्न होता है उनको उनके स्वभाव के अनुसार ही व्यवहार करें।
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