नई दिल्ली: उमर अब्दुल्ला और उनके अब्बा फारूख अब्दुल्ला खुद को जम्मू कश्मीर का किंग समझते थे, इन्हें लगता था कि जम्मू कश्मीर की जनता इनकी जेब में है, ये लोग जम्मू कश्मीर में खून की नदियां बहाने की बातें करते थे और पाकिस्तान परस्ती करते थे, इन्हें लगता था कि कोई इनका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा लेकिन अमित शाह के गृह मंत्री बनते ही इनकी, इनके अब्बा फारूख अब्दुल्ला की और महबूबा मुफ़्ती जैसे नेताओं की अकड़ ख़त्म कर दी गयी.
उमर अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री हैं, इन्होने कश्मीर से धारा 360 हटाने का खूब विरोध किया, पाकिस्तान परस्ती की, कटने मरने की बातें की लेकिन गृह मंत्री अमित शाह ने इनकी नाक में ऐसी नकेल डाली कि आज ये उमर से पहले ही बुड्ढे हो गए हैं और डॉक्टर के पास रोजाना चेक-आप करने के लिए जाते हैं और उमर के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद मोदी सरकार ने अलगाववादियों, जिहादियों, उमर अब्दुल्ला, फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ़्ती जैसे नेताओं को बंदी बना लिया और अभी भी इन्हें बोलने की इजाजत नहीं है, सरकार ने इनपर इसलिए नकेल डाली है क्योंकि ये लोग कश्मीर के जनता को भड़काकर हिंसा और पथरबाजी करवाते हैं.
फारूख अब्दुल्ला की ऐसी हालत देखकर लोग अमित शाह की तारीफ कर रहे हैं और कह रहे हैं - वह मोटा भाई. मान गए आपको।
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