फरीदाबाद, 14 मार्च: ग्रेटर फरीदाबाद में गुंडाराज चल रहा है और इसमें माफिया के अलावा नेता लोग शामिल हैं जो माफियाओं और गुंडों को पुलिस प्रशासन से बचाते हैं, जब भी गुंडों के खिलाफ पुलिस थानों में शिकायत होती है तो नेताओं के फोन थानों में पहुँच जाते हैं.
ग्रेटर फरीदाबाद में करीब 30 हाउसिंग सोसाइटी हैं जहाँ पर नौकरी पेशा लोगों ने फ्लैट खरीदे हैं. अधिकतर लोग बाहर के हैं और नॉएडा, दिल्ली, गुरुग्राम, एनसीआर में नौकरी करते हैं और रोजाना अप-डाउन करते हैं या रिटायर्ड हैं और नौकरी ख़त्म होने के बाद यहाँ पर रहते हैं. इन लोगों ने कई वर्ष पहले फ्लैट बुक कराते समय नहीं सोचा था कि बाद में इनके साथ COM चार्जेज वसूलने के नाम पर ब्लैकमेलिंग होगी और इनकी जिंदगी नर्क बन जाएगी।
जब फ्लैट मालिकों ने फ्लैट की रजिस्ट्री कराई थी तो इन्होने COM (कॉमन एरिया मेंटीनेंस) चार्जेस देने पर सहमति जताई थी लेकिन इन्हें ये नहीं पता था कि एक दिन यही इनकी मुसीबत बन जाएगी।
COM के नाम पर 4 तरह के चार्ज लिए जाते हैं - मेंटीनेंस चार्ज, सिक्योरिटी चार्ज, बागबानी चार्ज, हॉर्टिकल्चर चार्ज। चारों के लिए अलग अलग ठेके जारी किये जाते हैं, अधिकतर ठेके लोकल और दबंग लोगों को दिए गए हैं.
COM के नाम पर फ्लैट मालिकों से जो चार्जेज लिए जाते हैं वह बिल्डर के खाते में या RWA सोसाइटी के खाते में जमा किये जाते हैं. जायज चार्ज देने में किसी को आपत्ति नहीं है लेकिन अधिकतर सोसाइटी में नाजायज चार्जेज वसूले जा रहे हैं और कई सोसाइटी में हर महीनें 8-10 हजार तक वसूले जा रहे हैं, इतने पैसे में तो किराए पर मकान लिया जा सकता है.
यही सोचकर लोग RWA या बिल्डर के खिलाफ खड़े हो जाते हैं और वसूले गए पैसे का हिसाब मांगते हैं जिसका सबको अधिकार भी है, यही से शुरू हो जाती है लड़ाई। इसके बाद सोसाइटी में दो ग्रुप बन जाते हैं - एक वसूली करने वाला और एक हिसाब मांगने वाला। कुछ लोग RTI लगाते हैं, कुछ लोग रजिस्ट्रार से शिकायत करते हैं, कुछ लोग पुलिस में शिकायत करते हैं.
जब वसूली करने वालों को पता चलता है कि फलां व्यक्ति ने या ग्रुप ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत की है तो शिकायतकर्ता का शारीरिक और मानसिक टार्चर शुरू हो जाता है, कई लोगों को पीटा जाता है, कुछ के पीछे गुंडे लगा दिए जाते हैं, कई लोगों को धमकियाँ दी जाती है. कुछ लोग डर कर चुप बैठ जाते हैं.
ग्रेटर फरीदाबाद का एरिया तीन थानों के अंतर्गत आता है - खेड़ीपुल थाना, भूपानी थाना और BPTP थाना। अधिकतर एरिया खेड़ीपुल थाने में पड़ता है इसलिए शिकायत के अधिकतर मामले खेड़ीपुल थाने में ही पहुँचते हैं.
वसूली गैंग की पुलिस थानों में साठ गाँठ है. जैसे ही पीड़ित लोग वसूली गैंग के खिलाफ शिकायत लेकर पहुँचते हैं तो पुलिस वाले कार्यवाही करने के बजाय वसूली गैंग को फोन कर देते हैं कि आपके खिलाफ शिकायत आयी है. इसके बाद वसूली गैंग एक्टिव हो जाता है और अपने तरीके से पीड़ितों को धमकाना शुरू कर देता है.
कई लोग पुलिस के पास शिकायत लेकर जाते हैं लेकिन गुंडों माफियाओं का साथ स्थानीय नेता विधायक भी देते हैं इसलिए पीड़ित लोगों को न्याय नहीं मिलता। उसके बाद गुंडे माफिया लोगों का और हौसला बढ़ जाता है और वे कहते हैं पुलिस प्रशासन और सरकार हमारी जेब में है, हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
दो दिन पहले Omaxe Society में रहने वाले पंकज विश्वामित्र पर जानलेवा हमला हुआ, उसके दो महीनें पहले भी हमला हुआ था लेकिन खेड़ी पुल थाना ने कार्यवाही नहीं की जिसकी वजह से गुंडों का हौसला बढ़ गया. गृह मंत्री अनिल विज से शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई.
ऐसा ही मामला कुछ दिनों पहले Ozone Society में सामने आया था जब Society के पैसे का हिसाब मांगने पर वरिष्ठ नागरिक आरके गुप्ता को पीटा गया लेकिन खेड़ी पुल थाने के SHO सुरेंदर कुमार ने कोई कार्यवाही नहीं की, FIR के लिए आरके गुप्ता आज भी भटक रहे हैं और दूसरा पक्ष उन्हें लगातार धमकियाँ दे रहा है, कल SHO सुरेंद्र का तबादला पुलिस लाइन में कर दिया गया.
कहने का मतलब ये है कि ग्रेटर फरीदाबाद के दर्जनों सोसाइटी के लोग अंदर ही अंदर आक्रोशित हो रहे हैं और हरियाणा सरकार, फरीदाबाद पुलिस से उनका भरोसा उठ रहा है. फरीदाबाद पुलिस इस गुंडाराज को ख़त्म नहीं कर पा रही है. अगर इस पर लगाम नहीं लगी तो गुंडों और माफियाओं का हौसला बढ़ जाएगा आने वाले दिनों में लोगों को और परेशान किया जाएगा।
कैसे ख़त्म हो सकता है गुंडाराज
गुंडाराज पुलिस और हरियाणा सरकार ही ख़त्म कर सकती है, विधायकों को भी जनता की परेशानी समझनी पड़ेगी और गुंडों का साथ छोड़ना पड़ेगा। कुछ और कमियां दूर करनी पड़ेंगी जो इन सोसाइटी में रहने वालों ने बतायी हैं - जैसे -
(1) स्ट्रीट लाइट रात में नहीं जलती, इसपर कार्यवाही हो
(2) पुलिस को पट्रोलिंग करनी पड़ेगी
(3) पुलिस बूथ या हेल्प बूथ का ना होना, ये कमीं भी दूर करनी पड़ेगी
(4) शराब की दूक़ानो के आस पास पुलिस तंत्र होना चाहिए
(5) पुलिस का कोई मुखबिरी सिस्टम नहीं है
(6) ग्रेटर फ़रीदाबाद की सॉसाययटीज़ के सिक्योरिटी एजेंसीज की पुलिस में बहुत घुस पैठ है
(7) ग्रेटर फ़रीदाबाद की सॉसाययटी के साथ इलाक़े के ACPs की वहां के लोगों के साथ हर महीनें मीटिंग होनी चाहिए
(8) CCTV कैमरा नहीं हैं। सभी सोसाइटी के मेन गेट व मेन चौराहों पर व ग्रेटर फ़रीदाबाद के गावों में व शराब के ठेकों पर CCTV कैमरा हों चाहिए जिनका कण्ट्रोल सम्बंधित थाने जैसे Kheripul, Bhupani, BPTP में मुंशी के कमरे में होना चाहिए
(9) सारे सिक्योरिटी एजेंसी के कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन हर सोसाययटी के गार्ड रूम पर होना चाहिए
कैसे ख़त्म हो सकता है गुंडाराज
गुंडाराज पुलिस और हरियाणा सरकार ही ख़त्म कर सकती है, विधायकों को भी जनता की परेशानी समझनी पड़ेगी और गुंडों का साथ छोड़ना पड़ेगा। कुछ और कमियां दूर करनी पड़ेंगी जो इन सोसाइटी में रहने वालों ने बतायी हैं - जैसे -
(1) स्ट्रीट लाइट रात में नहीं जलती, इसपर कार्यवाही हो
(2) पुलिस को पट्रोलिंग करनी पड़ेगी
(3) पुलिस बूथ या हेल्प बूथ का ना होना, ये कमीं भी दूर करनी पड़ेगी
(4) शराब की दूक़ानो के आस पास पुलिस तंत्र होना चाहिए
(5) पुलिस का कोई मुखबिरी सिस्टम नहीं है
(6) ग्रेटर फ़रीदाबाद की सॉसाययटीज़ के सिक्योरिटी एजेंसीज की पुलिस में बहुत घुस पैठ है
(7) ग्रेटर फ़रीदाबाद की सॉसाययटी के साथ इलाक़े के ACPs की वहां के लोगों के साथ हर महीनें मीटिंग होनी चाहिए
(8) CCTV कैमरा नहीं हैं। सभी सोसाइटी के मेन गेट व मेन चौराहों पर व ग्रेटर फ़रीदाबाद के गावों में व शराब के ठेकों पर CCTV कैमरा हों चाहिए जिनका कण्ट्रोल सम्बंधित थाने जैसे Kheripul, Bhupani, BPTP में मुंशी के कमरे में होना चाहिए
(9) सारे सिक्योरिटी एजेंसी के कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन हर सोसाययटी के गार्ड रूम पर होना चाहिए
Agreed n law and order should be in place
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