नई दिल्ली: शाहीन बाग़ खाली हो रहा है, करीब तीन महींने से वहां बैठे धरनेबाज अपने अपने घरों को रवाना हो रहे हैं. अब उनके लिए CAA कोई मुद्दा नही रह गया है क्योंकि अब सबको अपनी अपनी जान बचाने की फिक्र है.
बात दरसल ये है कि दिल्ली में कोरोना वायरस की एंट्री हो चुकी है, भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर कोरोना का अधिक खतरा है, केंद्र और राज्य सरकार ने दिल्ली की जनता को भीड़ भाड़ वाले स्थानों से बचने की सलाह दी थी जिसे शाहीन बाग़ वालों ने भी सूना और कोरोना के खतरे से बचने के लिए शाहीन बाग़ की जगह खाली कर दी.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कोरोना वायरस नॉन वेज यानी मीट, मछली और चिकन, बड़े के मांस से भी फैल रहा है, शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारियों को यह भी डर है कि कहीं उनकी बिरयानी में कोरोना वायरस मिलकर ना भेज दिया जाए.
ट्विटर पर शाहीन बाग़ एम्प्टी #ShaheenBaghEmpty का ट्रेंड चल रहा है, भाजपा का कहना है कि शाहीन बाग़ वालों का मकसद पूरा हो चुका है, आम आदमी पार्टी ने उन्हें धरने पर बिठाया था, अब उनकी सरकार बन गयी है तो इनका मकसद भी पूरा हो चुका है इसलिए जगह खाली की जा रही है.
बिल्कुल केजरीवाल समेत दंगा फसाद भड़काने वाले नेताओं का नार्को टेस्ट होना चाहिए
ReplyDeleteये सभी तथाकथित पतित लोग हैं। पद मिलने से वैश्या सोच नहीं बदलते। इसलिए दलित भवाईस के संपादक टी राजशेखर ऐसे लोगों को वेश्या बुद्धिजीवी कहा करते हैं। ये बाकई वेश्या से भी बदतर है। वेश्या तो तन बेचने का काम सरेआम करती है, लेकिन ये वेश्या बुद्धिजीवी तो मन, संस्कार और लोकराज भी बेचने का कुत्सित कार्य करते हैं। अतः हम इस जज के त्यागपत्र की मांग सरेआम करते हैं।
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