फरीदाबाद, 28 मई: सूरजकुंड रोड पर स्थित अरावली में अब सुप्रीम कोर्ट की धज्जियाँ उड़ाते हुए अरावली में पहाड़ को समतल करने के लिए बलास्टिंग बारुद की सहायता से पत्थर को तोड़ना के जरिये खनन किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने वाटर लेवल को लेकर 6 मई 2002 में अरावली पहाड़ी को वन आरक्षित क्षेत्र घोषित किया। इससे खनन जैसी हर प्रकार की खुदाई पर रोक लगाई गई। अरावली में निर्माण कार्य करने के लिए संबंधित व्यक्ति को वन विभाग से एनओसी लेनी अनिवार्य कर दी। लेकिन इसका कोई फर्क नहीं पड़ रहा है.
यह घटना शनिवार देर शाम की बताई जा रही है. जिला वन अधिकारी आरएस ढुल का कहना है कि ब्लास्टिंग की सूचना मिली है, जिसकी जांच शुरू करवा दी गई है। वन अधिकारी का कहना है कि जांच में अगर कोई दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी, देखें वीडियो
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