फरीदाबाद, 23 मार्च: कुछ लोग व्हाट्सअप और फेसबुक पर झूठी अफवाह फैला देते हैं, कुछ अज्ञानता वश अफवाह फैलाते हैं और कुछ लोग जान बूझ कर भी अफवाह फैला देते हैं.
फरीदाबाद और पलवल में कई जगह खतरे के बोर्ड लगे हैं जिसे लोग कोरोना मरीज समझकर अफवाह फैला रहे हैं लेकिन हमें सच जानने की जरूरत है और अफवाहों से बचने की जरूरत है.
जब भी कोई विदेश से आता है तो उसका एयरपोर्ट पर चेक-अप किया जाता है, एयरपोर्ट पर ज्यादा सुविधा नहीं होती इसलिए टेम्परेचर, सर्दी खांसी के आधार पर ही फैसला किया जाता है कि किसे आइसोलेशन सेण्टर में ले जाना है और किसे घर भेजना है.
कोरोना संक्रमण होने के बाद लक्षण दिखने में 15 - 20 दिन लग जाते हैं इसलिए जब कोई नार्मल दिखता है तो उसे घर भेज दिया जाता है लेकिन यह हिदायत दी जाती है कि वह कुछ दिन अपने घर में सबसे अलग रहेगा और कोरोका के लक्षण दिखने पर स्वास्थय विभाग, पुलिस या प्रशासन को सूचित करेगा।
पहले ऐसे लोगों पर भरोसा करके छोड़ दिया जाता था लेकिन कुछ लोग घर आकर घूमने लगे और लोगों से मिलने लगे. कई लोगों ने तो अपने पूरे परिवार को संक्रमित कर दिया और उसके बाद ही अन्य लोगों में संक्रमण फैला। इसलिए प्रशासन ने अब ऐसे लोगों के घर के बाहर बोर्ड लगाना शुरू कर दिया है जिसपर लिखा रहता है - Please Do Not Visit, Home Under Quarantine.
ऐसे लोगों को 28 दिन निगरानी में रखा जाता है, जब ऐसे लोगों में कोरोना के कोई लक्षण दिखते हैं तो इनका कोरोना टेस्ट किया जाता है और पॉजिटिव आने पर ही इन्हें कोरोना मरीज माना जाता है और जरूरत पड़ने पर अस्पताल में भर्ती करके इलाज किया जाता है.
जिनके अंदर 28 दिनों में कोरोना संक्रमण के लक्षण नहीं दिखते उन्हें 28 दिनों के बाद फ्री कर दिया जाता है और उन्हें नार्मल माना जाता है.
फरीदाबाद में 264 लोग विदेश से आये हैं, सबका टेस्ट नहीं किया गया है, जिनके अंदर कोरोना के लक्षण दिखेंगे उनका ही टेस्ट किया जाएगा लेकिन ऐसे लोगों के घरों के बाहर खतरे वाले बोर्ड लगा दिए गए हैं और जनता को ऐसे लोगों के घरों में ना जाने की हिदायत दी गयी है क्योंकि अगर ऐसे लोगों को कोरोना का संक्रमण हुआ तो अन्य लोगों को भी हो सकता है.
कहने का मतलब ये है कि जिनके घरों के बाहर ऐसे बोर्ड लगे हैं वे कोरोना के मरीज नहीं हैं, बल्कि निगरानी में हैं. कुछ लोग इन्हें कोरोना मरीज समझकर अफवाह फैला रहे हैं जो गलत है. लेकिन ऐसे लोगों के घरों से दूर रहने की भी जरूरत है, जब 28 दिन का समय पूरा हो जाएगा तो इनके घरों से यह बोर्ड हटा दिया जाएगा, उसके बाद लोग इनके घरों में जा सकते हैं.
देखने में ऐसा आ रहा है कि जहाँ भी ऐसा बोर्ड देखा जा रहा है वहां पर अफवाह फैलाई जा रही है कि फलां एरिया में कोरोना का मरीज मिला है, यह विल्कुल गलत है. फरीदाबाद में सिर्फ एक कोरोना संक्रमित मरीज की पुष्टि हुई है. बाकी लोग विदेश से आएं हैं और इन्हें इनके घर में ही कारण्टीन करके निगरानी में रखा गया है.
देखने में ऐसा आ रहा है कि जहाँ भी ऐसा बोर्ड देखा जा रहा है वहां पर अफवाह फैलाई जा रही है कि फलां एरिया में कोरोना का मरीज मिला है, यह विल्कुल गलत है. फरीदाबाद में सिर्फ एक कोरोना संक्रमित मरीज की पुष्टि हुई है. बाकी लोग विदेश से आएं हैं और इन्हें इनके घर में ही कारण्टीन करके निगरानी में रखा गया है.
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