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पढ़ें, कोरोना का कम्युनिटी ट्रांसमिशन क्या है, हर तरफ लाशें बिछने से कैसे रोक सकते हैं हम और आप

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फरीदाबाद, 23 मार्च: एक दिन भारत बंदी से सरकार को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान होता है लेकिन भारत में करीब करीब 15 - 20 दिन की बंदी है और इससे सरकार को कई हजार करोड़ रुपये का नुकसान होगा लेकिन सरकार देशवासियों की जान बचाने के लिए यह नुकसान झेलने को तैयार है. लेकिन जनता अभी भी कोरोना वायरस के खतरे को लेकर उतनी सीरियस नहीं है जितना होना चाहिए, जनता उतनी सावधानी नहीं बारात रही है, जितनी बरतनी चाहिए.

भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण दूसरे स्टेज में है और कई शहरों में तीसरा स्टेज यानी कम्युनिटी ट्रांसमिशन भी शुरू हो चुका है जो बहुत ही खतरनाक है. इटली में कम्युनिटी ट्रांसमिशन की वजह से रोजाना 500 - 800 लोगों की मौत हो रही है और रोजाना मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है, वहां अब तक 5500 लोगों की मौत हो चुकी है.

भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण अगर तीसरे स्टेज में पहुँच गया तो इटली से भी गंभीर स्थिति हो सकती है क्योंकि भारत का हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर इटली की अपेक्षा कमजोर है, अब सावधानी और समझदारी ही हमें तीसरे स्टेज में जाने से बचा सकती है.

क्या है कम्युनिटी ट्रांसमिशन (3rd स्टेज)

अब तक विदेश से आने वाले ही कोरोना संक्रमित पाए जाते थे जो पहला स्टेज था. उसके बाद विदेश से आने वालों ने अपने परिवार को संक्रमित किया और उसके परिवार वालों ने अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और पड़ोसियों को संक्रमित किया। यह दूसरा स्टेज है. भारत में कई शहर दूसरे स्टेज की चपेट में हैं. फरीदाबाद भी दूसरे स्टेज में है और तीसरे स्टेज में जाने की आशंका है.

फरीदाबाद में विदेश से 264 लोग आये हैं. उसमें से स्पेन से आयी एक महिला को कोरोना की पुष्टि हो चुकी है लेकिन उसने विदेश से आने के बाद 64 लोगों से अनजाने में संपर्क किया। उनका टेस्ट कराया गया है और कई लोगों की रिपोर्ट का इन्तजार है. अभी यह नहीं पता चल पाया है कि विदेश से आये 264 लोगों में से कितने लोग कोरोना पॉजिटिव है और वे कितने लोगों के संपर्क में आये हैं.

अब मान लो विदेश से आया कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव है लेकिन उसे कोरोना के लक्षण नहीं हैं क्योंकि वायरस के इन्फेक्शन के बाद कोरोना के लक्षण दिखने में 10 - 20 दिन लग जाते हैं.

विदेश से आने वाले कुछ लोग सोचते हैं कि उन्हें कोरोना के लक्षण नहीं हैं. ऐसे लोग अनजाने में पहले अपने परिवार को संक्रमित करते हैं, ऐसे लोगों के घर मेड और सफाई कर्मी रहते हैं, दूध वाले आते हैं, जो अनजाने में कोरोना से संक्रमित हो जाते हैं, मेड और नौकर कई और घरों में काम करने जाते हैं तो वहां भी अनजाने में संक्रमण फैला देते हैं, अब मान लो उनमें से कोई दुकानदार है जो अनजानें में संक्रमित हो गया, दुकानदार अपनी दूकान में जाकर बैठ गया और उसने अनजानें में ग्राहकों में संक्रमण फैलाने शुरू किये, रोजाना दूकान में हजारों लोग आएंगे और वायरस से संक्रमित हजार जाएंगे, वे हजारों लोग अनजानें में अपने परिवार को भी संक्रमित करेंगे और अन्य लाखों लोगों को संक्रमित करेंगे, मान लो उनमें से कुछ लोग ऑटो, ट्रेन या बस पकड़कर एक स्थान से दूसरे स्थान या एक राज्य से दूसरे राज्य में चले गए, ऐसे लोग सबको संक्रमित करते हुए जाते हैं. इसीलिए ट्रेन, बस, मेट्रो, फ्लाइट, ऑटो सब बंद कर दिए गए हैं ताकि ऐसे लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर ना जा सकें।

कहने का मतलब ये है कि विदेश से आये लोगों को सरकार ट्रेस कर लेती है लेकिन जब अनजान लोग एक दूसरे में संक्रमण फैलाना शुरू करते हैं तो उनको ट्रेस करना बहुत मुश्किल होता है, इसीलिए लॉक डाउन का सहारा लेना पड़ता है.

क्या है लॉक-डाउन, कैसे रुकेगा कम्युनिटी ट्रांसमिशन

जैसा कि हमने बताया, कोरोना वायरस के संक्रमण के लक्षण दिखने में 10 से 20 दिन लगते हैं. 15 दिन लॉक डाउन के बाद सभी लोग अपने अपने घरों में बंद रहते हैं, सभी दुकानें बंद रहती हैं. जिसके अंदर वायरस होता है वो भी अपने घर में रहता है, वह अपने परिवार को तो संक्रमण कर सकता है लेकिन दूसरों में संक्रमण नहीं फैला सकता। अब मान लो 15 दिन के अंदर उसके अंदर कोरोना के लक्षण आ गए तो वह स्वास्थ्य विभाग के फ्री हेल्पलाइन नंबर या पुलिस को सूचना देगा, पुलिस आएगी और उसके पूरे परिवार को अस्पताल ले जाएगी।

इसी तरह से शहर में जितने भी संक्रमित लोग होंगे, उनकी पहचान हो जाएगी और आम लोग ऐसे लोगों के संपर्क में आने से बच जाएंगे। ऐसे लोगों से पुलिस यह भी पूछती है कि वे कितने लोगों के संपर्क में आये हैं, उन लोगों को भी अस्पताल ले जाया जाता है और पूरी चैन पकड़ ली जाती है.

इसीलिए कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लॉक डाउन किया गया है, लोगों को सीरियस होने की जरूरत है, अपने घरों में रहने की जरूरत है. मान लो आप सोच रहे हों कि आप को कोरोना कैसे हो सकता है, मान लो कोई संक्रमित मरीज किसी दुकान में सामान लेने चला गया और दुकानदार को संक्रमित कर दिया हो, मन लो आप भी उस दुकानदार के पास चले गए और उससे कोरोना ले आये, उसके बाद आप अनजाने में ही अपने परिवार को भी संक्रमित कर देंगे, इसीलिए सरकार ने आपको भी और दूकान को भी बंद कर दिया है ताकि एक दूसरे से वायरस का संक्रमण रुक जाए.

पुलिस कमिश्नर ने दिए हैं सख्ती बरतने के आदेश

पुलिस कमिश्नर के पास भी जनता की लापरवाही की सूचना पहुँच चुकी है, उन्होंने तुरंत सभी पुलिस अधिकारीयों को आदेश दिया कि अगर कोई बिना मतलब बाहर घुमते दिखे तो उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही करें, गाड़ियों का चालान करें, इम्पाउंड करें और जरूरत पड़े तो मुकदमा भी दर्ज करें। 

उन्होंने कहा कि जिस तरह से लोग बाहर निकलकर घूम रहे हैं इस तरह तो तमाशा हो जाएगा। किसी को बिना मतलब बाहर घूमने मत दीजिये, सिर्फ खाना, सब्जी, ढूढ़, दवाई और अन्य जरूरी कामों के लिए निकलने वालों को ही इजाजत दीजिये।

उन्होंने पुलिस अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि चारों तरफ बॉर्डर सील कर दीजिये और किसी को भी आने जाने मत दीजिये। सिर्फ राशन, दवाई और अन्य जरूरी चीजों का ट्रांसपोर्ट करने वाहनों को ही अंतर आने की परमिशन दीजिये। देखिये यह वीडियो - 

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