फरीदाबाद, 7 मई: फरीदाबाद के लिए एक शर्मनाक खबर है, कुछ दिनों पहले मोदी सरकार ने घोषणा की थी भारत के हर गाँव में बिजली पहुँच गया है, ये बात पूरी तरह से सच नहीं है, आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी फरीदाबाद के पृथला विधानसभा क्षेत्र का लतीपुर गाँव के लोग अँधेरे में जाने को मजबूर हैं.
जानकारी के अनुसार लतीपुर गाँव जगमग योजना के अंतर्गत तो आता है मगर अभी तक गांव में एक भी बिजली का खंबा नहीं है. मनोरंजन तो दूर की बात इस गाँव के लोग आज भी मोबाइल फ़ोन ट्रक्टर व बाइक की बैट्री से चार्ज करते हैं.
70 के दशक में बसे इस गांव के रास्ते कच्चे हैं, गांव में एक दो पक्के मकानों को छोडकर सभी मकान कच्चे घास फूंस के बने हुए हैं। गांव में न स्कूल है और न ही कोई आंगनबाडी, इतना ही नहीं गांव में दूर-दूर तक कोई स्वास्थ्य केन्द्र भी नहीं है।
लतीपुर गांव बल्लभगढ शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर पृथला विधानसभा का अंतिम गांव है, गांव में प्रवेश करने के लिये कच्चे धूल भरे रास्ते से होकर गुजरना पडता है. उसके बाद गांव कब शुरू होता है पता ही नहीं लगता क्योंकि गांव एक बंजारों की बस्ती की तरह नजर आता है.
ग्रामीणों ने बताया कि गांव हरियाणा में होने के बाद भी मूलभूत सुविधाओं के लिये तरस रहा है, गांव हरियाणा और उत्तर प्रदेश सीमा पर बसा हुआ है, शायद इसलिये सरकार की कोई योजना उनके गांव तक नहीं पहुंचती, गांव में देश का भविष्य कहे जाने वाले बच्चों को भी उत्तर प्रदेश के शहरों में शिक्षा ग्रहण करने जाना पडता है क्योंकि गांव में कोई भी पाठशाला नही हैं
गांव के सरपंच ताराचंद भाटी ने बताया कि गांव के विकास और जन सुविधाओं को लेकर खुद उन्होनें मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी जिन्होंने अधिकारियों की ड्यूटी लगाई थी मगर अभी तक कोई भी अधिकारी गांव की सुध लेने नहीं पहुंचा है।
गांव की दुर्दशा के बारे में क्षेत्र के विधायक टेकचंद शर्मा ने स्वीकार किया है कि गांव में कोई भी सुविधा नहीं हैं मगर वह पहले ऐसे विधायक हैं जो उस गांव में गये थे इससे पहले कोई भी विधायक आज तक इस अभागे गांव लतीपुर में नहीं गया, उन्होंने गांव के विकास के लिये कुछ ग्रांट पास करवाई है उम्मीद है कि जल्द गांव की दशा और दिशा सुधरेंगी।
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