फरीदाबाद, 18 मई: कोरोना बीमारी के ट्रीटमेंट में अब तक प्लाज़्मा थेरेपी का इस्तेमाल भी किया जा रहा था और लोग प्लाज़्मा को ढूंढने में, प्लाज़्मा डोनर को तलाशने के लिए बहुत परेशानी रहते थे, दिन भर सोशल मीडिया पर प्लाज़्मा की नीड के लिए विज्ञापन दिए जाते थे लेकिन अब केंद्र सरकार ने प्लाज़्मा थेरेपी को कोरोना ट्रीटमेंट में अप्रभावी मानते हुए इसे ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल से हटा दिया है.
अब प्लाज़्मा थेरेपी का इस्तेमाल कोरोना ट्रीटमेंट में नहीं किया जाएगा। केंद्र सरकार ने नयी गाइडलाइन में प्लाज़्मा थेरेपी को प्रोटोकॉल से हटा दिया है.
आपको बता दें क़ि पिछले हफ्ते ICMR और कोविड-19 पर बनी नैशनल टास्क फोर्स की एक मीटिंग हुई। इसमें सभी सदस्यों ने प्लाज्मा थेरेपी को अप्रभावी बताते हुए इसे गाइडलाइंस से हटाने को कहा। कुछ वैज्ञानिकों और डॉक्टर्स ने प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर के. विजयराघवन को एक चिट्ठी भी लिखी। उसमें कहा गया कि प्लाज्मा थेरेपी के 'तर्कहीन और अवैज्ञानिक इस्तेमाल' को बंद कर देना चाहिए। यह चिट्ठी ICMR प्रमुख बलराम भार्गव और एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया को भी भेजी गई थी।
इस शिफारिश को ICMR ने मंजूर किया और प्रोटोकॉल में बदलाव किया है. हेल्थ प्रफेशनल्स ने अपनी चिट्ठी में कहा कि प्लाज्मा थेरेपी से जुड़ी गाइडलाइंस उपलब्ध सबूतों पर आधारित नहीं हैं। कुछ शुरुआती सबूत भी सामने रखे गए जिसके मुताबिक, बेहद कम इम्युनिटी वाले लोगों को प्लाज्मा थेरेपी देने पर न्यूट्रलाइजिंग ऐंटीबॉडीज कम बनती हैं और वेरिएंट्स सामने आ सकते हैं।
यह चिट्ठी भेजने वालों में नामचीन वायरलॉजिस्ट गगनदीप कांग, सर्जन प्रमेश सीएस और अन्य शामिल थे। चिट्ठी के मुताबिक, प्लाज्मा थेरेपी के तर्कहीन इस्तेमाल से और संक्रामक स्ट्रेन्स डिवेलप होने की संभावना बढ़ जाती है।
Post A Comment:
0 comments: